सूरज कोशिश कर रहा था ,ज़मीन पर पकड़ बनाने की।लेकिन पाँव लड़खड़ा रहे थे।वह खम्बे का सहार सूरज कोशिश कर रहा था ,ज़मीन पर पकड़ बनाने की।लेकिन पाँव लड़खड़ा रहे थे।वह खम्बे ...
दादाजी ने हाई स्कूल तक की तालीम हासिल की । उसके बाद कुछ साल पंचायत इन्स्पेक्टर की नौकरी दादाजी ने हाई स्कूल तक की तालीम हासिल की । उसके बाद कुछ साल पंचायत इन्स्पेक्टर क...
मैं आपको केवल एक आँख के साथ बड़े होते हुए नहीं देख सकती थी। मैं आपको केवल एक आँख के साथ बड़े होते हुए नहीं देख सकती थी।
ये छोटी-छोटी घटनाएं, पल-पल, समय से अलग होती रहती हैं, समय चाह कर भी इन्हे संजो के अपने ये छोटी-छोटी घटनाएं, पल-पल, समय से अलग होती रहती हैं, समय चाह कर भी इन्हे संजो क...
तो क्या हुआ? अभी तक तो मैंने यहां अपने मायके में नहीं पहनी थी। तो क्या हुआ? अभी तक तो मैंने यहां अपने मायके में नहीं पहनी थी।
ये बात सोलह आने सच है जिस प्रकार माँ के बिना मायका नहीं, सास के बिना ससुराल भी नहीं है। ये बात सोलह आने सच है जिस प्रकार माँ के बिना मायका नहीं, सास के बिना ससुराल भी न...